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न कहना मुझे

न कहना मुझे

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न कहना मुझे के रुक जाओ ,
के मैं हवा हूँ ,
रुकना मेरी नियति  नहीं,

न कहना मुझे झुक जाओ ,
के कंधे इतने मज़बूत है मेरे ,
कई ज़िंदगियाँ वो सँभालते हैं ,

न कहना मुझे के टूट जाओ,
के गर मैं टूट गई,
तो तुम्हारा घर बिखर जाऐगा ,

न कह देना के ख़ुद को भूल जाओ ,
के मेरी पहचान ही मेरी ताक़त है,
अपना सको तो अपनाना मेरे वज़ूद को,
के इसी में छिपा मेरे त्यागा और  मेरी चाहत है। …


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