बरसात आई
बरसात आई
बरसात का मौसम आया है
राहत की फ़िज़ायें लाया है ,
गर्मी से बेहाल थे प्राणी
अब कुछ ठंडक पाई है ,
बरसात का मौसम आया है ...
गर्मी ही गर्मी थी हर तरफ
आ रही हैं अब ठंडी हवायें ,
सन्नाटा ही सन्नाटा था हर तरफ
उछल कूद रहे हैं सब जीव ,
सूख रहे थे सब पेड़,जंगल
महक रहे है हर जगह अब फूल ,
कोयल सुना रही गुन गान
कर रहे हैं मोर नाच ,
चह चहा रहे हैं सब खग
चह चहा रहे हैं सब खग ,
बरसात का मौसम आया है .....
किसानों को खुशी मिली बहुत
पनप रही है खेतों में फसल ,
सूखी पडी थी जहाँ नदियां
सूखे पड़े थे जहाँ झरने
सूखे पड़े थे जहाँ तालाब
परेशान थे सब जल जीव
हो चुका था जीना बेहाल
आई है अब बरसात
लाई है हर्ष ओ-उल्लास
जगाई है नई जीने की आस ,
बरसात का मौसम आया है ...ै
आसमान बादलों से भरा भरा
लग रहा है बहुत प्यारा प्यारा
बहा रहा है धारा धारा
भीग रहा है सब किनारा किनारा
बरसात का मौसम आया है .....