अम्मा
अम्मा
1 min
14.2K
हम सबके बीच सेतुबंध, रिश्तों की अलगनी अम्मा |
पौ फटने से देर रात, चलती-फिरती नटनी अम्मा |
पौ फटने से देर रात, चलती-फिरती नटनी अम्मा |
स्नेह, करुणा, ममता में हम उनसे बौने ही रह गए
हम सबों के कद मिलाकर ऊंची है कई गुनी अम्मा |
पुरानी डायरी में पढ़ कर बाबूजी की यह जाना
थी आलूचाप सी चटपटी, अमचुर की चटनी अम्मा |
थी आलूचाप सी चटपटी, अमचुर की चटनी अम्मा |
गम की हलकी छाया भी कभी नहीं बच पाई उनसे
इतनी गूढ़ निगाहें है जैसे हों त्रिलोचनी अम्मा |
इतनी गूढ़ निगाहें है जैसे हों त्रिलोचनी अम्मा |
उनके है रूप अनेक, देवी, दुर्गा और टेरेसा
कभी अनुसुया, यशोदा तो कभी सावित्री बनी अम्मा |
जब-जब कठिन समय ने दरवाजे पर दस्तक देनी चाही
घर के किवाड़ सभी लगाकर, बन गई चटकनी अम्मा
घर के किवाड़ सभी लगाकर, बन गई चटकनी अम्मा
तुलसी के दोहों सी, मीरा के भजनों सी मधुर-मधुर
हमारी जीवन-कविता मे, अक्षर, स्वर, वर्तनी अम्मा |