ये इंतज़ार का कौन सा रंग होता है?
ये इंतज़ार का कौन सा रंग होता है?
इंतज़ार बड़ा बेरंग होता
गर तुम्हारी जुदाई की आग का रंग
उसमें शामिल न होता
गर उसमें शामिल न होती
पतझड़ में गिरती पीली पत्तियाँ
और पूर्णिमा के चाँद से लटकती
सफ़ेद झालर
एक छींटा काले बादल का
तुम्हारे चेहरे के तिल सा
और एक बूँद मेरे माथे की लाल बिंदिया सी
वो आसमानी रंग धरती के धूसर रंग से मिलकर
कोई अनजाना रंग भी दे जाता है
और हाँ उन आंसुओं में भी रंग है
सफ़ेद नमक का
जो तुम्हारे लबों को छूकर सुर्ख हो जाएँगे
एक रंग मैंने इन्द्रधनुष से चुराकर
सात से छह कर दिया है
कभी बारिश के बाद
मिलो तो पूछना उससे
ये इंतज़ार का कौन सा रंग होता है?