वतन के वास्ते
वतन के वास्ते
वतन के वास्ते कुछ काम आना चाहती हूँ।
दिलों जां को वतन पे अब लुटाना चाहती हूँ।।
समूचा देश दे मुझ को सलामी बाद मरने के।
तिरंगे को कफ़न अपना बनाना चाहती हूँ।।
वतन के वास्ते कुछ काम आना चाहती हूँ।
दिलों जां को वतन पे अब लुटाना चाहती हूँ।।
समूचा देश दे मुझ को सलामी बाद मरने के।
तिरंगे को कफ़न अपना बनाना चाहती हूँ।।