मंज़िल पर नज़र
मंज़िल पर नज़र
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रौशनी हूँ दिपक की तलाश में,
चांदनी हूँ चांद की तलाश में,
मंज़िल मालूम है सफ़र जारी है
फिर भी हूँ रास्ते की तलाश में...
हुनर है जो मेरे पास,ज़माने को दिखाना है
सितारों पर नज़र है मेरी,हूँ इस माटी की बेटी
हौसला बुलंद है,सफ़र जारी है
फिर भी हूँ रास्ते की तलाश में...