नारी एक प्रेरणा
नारी एक प्रेरणा
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करूणा और प्रेम के
इन्द्रधनुषी रंगों को
जीवन के उतार-चढ़ाव के
ताने-बाने में
चतुर बुनकर सी
धागा-दर-धागा
रिश्तों को बुनती औरत,
चुन-चुन कंटकों से
नेह के बिखरे तिनके
समेट नीड़ बनाती
बिछौना वात्सल्य
का बिछाती है औरत,
जीवन सरिता में बहती
नौका की पतवार सी
प्रवाह-पथ की लोह-चट्टानों को
आत्मविश्वास और दृढ़ता से मोम
करती औरत
प्रकृति की प्रतिश्रुति सी,
निस्तब्ध पतझड़ में
बसंत की आहट
सुन ठूंठों से झांकती
हरियाली सी औरत