दोस्ताना
दोस्ताना
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आपके मन में दबी वो बात सारी बोल दो,
क्या परेशानी है तुमको, राज़ सारे खोल दो।
हम ने है तुमसे निभाई दोस्ताना रस्म-ओ-राह,
और तुम अब अपनी यारा बेवफ़ाई छोड़ दो।
हम चले हैं चाहतों की कर के तुमसे आरज़ू,
रोकने वाले कदम को हर बला को तोड़ दो।
आपकी उलफ़त को हमने ज़िंदगी माना सदा,
आपने तोड़ा है हमसे वास्ता वो जोड़ दो।
इतने आगे बढ़ के हम क्यों हटें पीछे बता,
बेसबब मासूम अमली फैसलों को मोड दो।