एक सलाम फौजी के नाम
एक सलाम फौजी के नाम
एक दिन मेरी फौजी से मुलाकात हुई,
और फिर हमारे बीच ऐसी बात हुई।
बीवी का वचन भी जिसे याद नहीं,
परिवार से मिलने की फरियाद नहीं।
माँ की ममता का अक्सर गम होता है,
और बेटी से मिलना बड़ा कम होता है।
चाहे फौलादी शरीर बनाले फिर भी,
कैसे बयान करें खून के आँसू रोते हैं।
एक तुम्हें माँ का आँचल नसीब हो,
इसलिए हम मौत की गोद में सोते हैं।
भारत माँ को अपनी माँ बनाकर,
हम हर जवान को भाई कहते हैं।
जाती और धर्म का भेदभाव नहीं,
हम हिन्दुस्तान में रहते हैं।
परवाह नहीं है हमें अब कुछ भी,
हम इस भारत माँ के बेटे हैं।
शहीद भी बन गए तो क्या हुआ,
आज शान से तिरंगे में लेटे हैं।
दिवाली में भी जो गोली खाकर,
हर पल खून की होली खेलते हैं।
गर्व हमे हैं ऐसे शहीदों की मिट्टी पर,
एक सलाम हर सैनिक के नाम करते हैं।