प्यादा
प्यादा
खेल शतरंज का बिछा फिर से।
प्यादा बेखौफ़ यूँ लड़ा फिर से।
बाज़ी इक दाँव में पलट डाली।
चाल गहरी कई चला फिर से।
फिर से मैदान में वो आया है।
जीतने के लिए लड़ा फिर से।
साँस जब तक चली वो लड़ता रहा।
गिर के भी शेर सा उठा फिर से।
जीत में सबका हाथ होता "कमल"
जीत का ये सबब लिखा फिर से।