अपना तुझे माना है
अपना तुझे माना है
सूरज की पहली किरण के साथ
चाँद की अंतिम चाँदनी के साथ
सिर्फ तुम्हें ही याद किया है,
तुम्हारे लिए ही फरियाद किया है।
फूलों की मुस्कुराहट के साथ
भौरों की गुनगुनाहट के साथ
लबों पर तुम्हारा ही नाम लिया है,
तुम्हे ही खुद समझ सलाम किया है।
बसंत की बहारों के साथ
पतझड़ की हवाओं के साथ
तुमको ही मैंने चाहा है,
अपना तुझे ही माना है।।