एक सलाम हमारे सैनिकों के नाम
एक सलाम हमारे सैनिकों के नाम
वतन पर मर मिटने का,
वो जुनून लेकर चलते हैं,
वो पहचान हैं इस देश की,
सपनों की धूल लेकर चलते हैं।
उनकी कशिश हवाओं में,
बहती है कुछ इस कदर,
उनके आने की आहट से ही,
गगन में फूल खिलते हैं।
है एक घर भी उनका,
कहीं किसी कस्बे, किसी गली में,
पर वो तो देश को ही,
अपना भेष बनाकर चलते हैं।
आँखों में आँसू,
यूँ तो, नज़र आता नहीं,
वो इंसान यूँ तो,
मरने से कतराता नहीं।
पर आंच आ जाए,
देश की बेटी को गर,
उनके आँसू बंदूक के,
गोले बन चलते हैं।
सलाम है उस नाम को,
जो देश के लिए जीता,
और देश के लिए ही मरता है,
वो सैनिक है इस देश का,
उसमें सारा देश रहता है।
गर एक शपथ हम कर सकें,
तो कर लें खुद से आज ये,
चल देश के लिए ही जीते हैं,
चल देश के लिए ही मरते हैं।