ए ज़िन्दगी तू हर रंग दिखाती है।
ए ज़िन्दगी तू हर रंग दिखाती है।
1 min
13.9K
ए ज़िन्दगी तू हर रंग दिखाती है।
बना काम बिगड़े कहीं तो कभी बिगड़ा काम बनाती है।
दुख से परिचय है कहीं तो कभी सुख का एहसास कराती है।
रिश्तों में दरारें तो कहीं नयी साँसे भर जाती है।
अपना था जो पराया सा लगता है कभी अज्ञात लोगों से नए तार जोड़ जाती है।
ए ज़िन्दगी तू हर रंग दिखाती है।
कोई गहरी ख्वाइश है जो अक्सर चुभती है
कोई हलकी उम्मीद उसे अक्सर सताती है।
अबाधित बहना तो सिर्फ वक़्त का स्वभाव है
तू तो कई धागों में उलझी नज़र आती है।
ए ज़िन्दगी तू हर रंग दिखाती है।
तेरे होने की कदर कम सी हो गयी
फिर भी तेरे ना होने पे दुनिया अफ़सोस मनाती है।
स्वार्थों में फसे अहंकार से बंधे तेरे दुश्मन बन बैठे
तू फिर भी कुछ के ज़रिये सबको प्रेम का सन्देश पहुंचाती है।
ए ज़िन्दगी तू हर रंग दिखाती है।