नीलकण्ठी हिरोशिमा
नीलकण्ठी हिरोशिमा
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अणुबम के ताप में तप कर
कुन्दन बन गई है तुम्हारी काया
तुम्हारे महाविनाश की तस्वीरों को देख
आज तक बची रह सकी है पृथ्वी
अणुबमों के प्रहार से
तुम्हारे घावों के निशान
बड़े-बड़े तानाशाहों के दुस्साहस को
चुनौती देते हैं।
इसी से बचा है अभी तक
मानव-भविष्य का शिशु
विश्वयुद्ध के मंथन से
निकला सारा ज़हर
तुम्हारे ही हिस्से आया था
जिसे पी गऐ थे तुम
शिव की तरह
और विश्व-सभ्यता को
अमृत-दान दे दिया तुमने
एक तुम्हारा नाम ही
बचाता रहेगा आगत-सन्तति को
अणुबम के हलाहल से
जिसे पी कर तुम स्वयं
नीलकण्ठी हो गऐ ।