और कुछ नहीं चाहिए
और कुछ नहीं चाहिए
सुनो ना,कुछ शिकायतें हैं मुझे
चलो उस पर बातें करते हैं।
कुछ तुम कहो जो कहना है,
और कुछ बातें हम भी कहते हैं।
वैसे तुम्हारा तो मुझे पता नहीं,
पर मुझे बहुत कुछ कहना है।
यह मत सोचना तुम्हें छोड़ देंगे,
क्योंकि हमें तुम्हारे दिल में रहना है।
मुझे पसंद नहीं घंटों इंतजार करूं
तुम दो मिनटों में ही चले जाते हो।
और उन पलों में भी क्या होता है,
सिर्फ दुनियादारी की बातें बताते हो।
हां, हो सके अगर तुमसे तो,
कभी तुम भी थोड़ा इंतजार करो।
कभी मेरे दिल में झाँककर देखो
और मेरे जैसा तुम भी प्यार करो।
चाहती हूं याद करूँ दिल से तो,
तुम सामने आकर इजहार करो।
लोग करते होंगे प्यार की बातें पर
तुम घर आकर शादी की बात करो।
और कुछ नहीं चाहिए मुझे तुमसे,
बस जिस्म से रूह में उतर जाओ ।
शिकायतों को मिटाकर मेरी सारी,
बारातियों को लेकर घर तक आओ।
सुनो ना, जो दूरियां हैं उन्हें मिटा दो,
और जो शिकायतें हैं उन्हें हटा दो,
बस! और कुछ नहीं चाहिए।