माँ
माँ
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क्यूँ तू इतनी खुबसूरत है, क्यूँ तेरा सामने होना
मेरी ज़रूरत है, क्यूँ ना चाहते हुए भी तेरी ही बातें मानती हूं मैं,
क्यों तेरी इक मुस्कान मुझे नया सा कर जाती है, क्यूँ आखिर क्यूँ तू इतनी खूबसूरत है...
तुझसे दिल ही हर बात कहना चाहती हूं मैं , पर ना जाने क्यों डर जाती हूं मैं ,
तुझे खो नहीं सकती, अपना दर्द तुझे बता नहीं सकती,
पर न जाने कैसे तुझमें ही अपनी सारी मुश्किलों का हल पा लेती हूं मैं,
क्यूँ आखिर क्यूँ तू इतनी खूबसूरत है...
तेरा मुझे यूं प्यार से देखना,
मेरी हर इच्छा को खुद से पहले रखना,
तेरी हर ख्वाहिश को पूरा करना चाहती हूं मैं, पर ना जाने कैसे तेरी ख्वाहिशों में ही उलझ कर रह जाती हूं मैं,
क्यूँ आखिर क्यूँ तू इतनी खूबसूरत है।