बेटी
बेटी
माता पिता का कहना माने बेटी,
बोले ना बातें झूठी,
सहेली बनाए अच्छी-अच्छी,
जो रास्ते दिखाए सच्ची-सच्ची ।
घर बासन बाद में राशन,
पढ़ने भी जाए ऐसा हो शासन,
माता-पिता का डर हो अंदर,
जुनून हो पार करने का समंदर ।
फैशन ना कभी दिखाना,
अपने लिबास को ना भूल जाना,
बड़े छोटो का आदर सम्मान,
न करना किसी का अपमान ।
जुबाँ से ना बोले कड़वी बातें,
भाती है सबको अच्छी बातें,
बेटी पढ़े आगे बढ़े,
एक साथ दो फूल खिले ।
माँ से भी अलग होना,
अपना घर खोना,
दो-दो सपने सजोना,
दो बातें सुनकर लेना,
मरने का नाम ना जुबा पे लेना ।
यह करते हैं बेबस,
और कमजोर तुझको,
हिम्मती समझना,
सुख-दुख एक साथ सहना ।
यह जिंदगी ही एक जीत है,
हार तो ये डर है,
डर को निकाल सको,
अपने अंदर से बेटी,
तुझसे सृजन होगा,
नाम तेरा फिर माँ होगा ।
माँ की अहमियत भूल ना जाना,
अपने बच्चों को खुद के जैसा बनाना,
बुरी संगति से उसे बचाना,
उससे भी जग का उजियारा करवाना ।