तेरा भी और मेरा भी
तेरा भी और मेरा भी
प्यार जता के दिल टूटा है तेरा भी और मेरा भी
हम से देखो रब रूठा है तेरा भी और मेरा भी
दिल जो कहता है कि तुम से प्यार नही है मुझ को अब
सच मानो तो दिल झूठा है तेरा भी और मेरा भी
आ भी जा कि हम तुम दोनो इक दूजे के साथ रहें
दुनिया ने तो घर लूटा है तेरा भी और मेरा भी
जहाँ हवा के रुख़ ले जाएँ अब इक दूजे के साथ चलें?
रस्ता तो पीछे छूटा है तेरा भी और मेरा भी
आने वाली नस्लें आ के इस की छाओं में बैठेंगी
प्यार तो बरगद का बूटा है तेरा भी और मेरा भी
इक दूजे के क्या लगते हैं किस को समझ ये आयेगा
नाम-ए-रिश्ता तो झूठा है तेरा भी और मेरा भी
इक दूजे का दिल छोड़ा तो तूने मैने क्या है पाया
सच बोलूं तो घर छूटा है तेरा भी और मेरा भी
बाहर से गर देखो हम को कितने प्यारे लगते हैं
अंदर अंदर सब टूटा है तेरा भी और मेरा भी
जिस की खातिर लड़ते थे हम बचपन में हर शाम सुनो
चाँद तो वो छत पर छूटा है तेरा भी और मेरी भी
आहल-ए-दुनिया जिस को मज़हब जिस को सरहद कहती है
उन दोनों ने सब लूटा है तेरा भी और मेरा भी