आकाशगंगा पर करूं राज
आकाशगंगा पर करूं राज
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मैं उड़ जाऊँ सपनों में,
तारों भरे आकाश में,
आकाशगंगा के पार जाऊँ,
सोकर उड़न खटोले में।
न दीया लगे ना बाती,
ना खड़ाऊ पावों में,
तारों का ही हो प्रकाश,
और बीते रतिया सारी।
मन हो चन्द्रमा,
मन ही हो रात,
मन में ही रचे,
तारों की बारात।
राजकुमारी सी बनकर
आकाशगंगा पर करूं राज।