ए माँ तू आँसू मत बहा
ए माँ तू आँसू मत बहा
ए माँ! तू आँसू मत बहा
बस इंतज़ार कर
और विश्वास रख
मैं लौटकर जरुर आऊँगी
पर इस बार युवती नहीं देवी बनकर
कलयुग की नरसिंह बनकर
सीता नहीं काली बनकर
फिर लूँगी बदला
अपनी काया पर लगे हर घाव की
काँप उठेगी पृथ्वी
दूंगी जवाब उसके हर दाव की
विनाश के पल नज़दीक है
तो माँ तू आँसू मत बहा
बस देखती जा और गिनती जा
दिन तेरी बेटी के न्याय की
पापियों का नाश कर
अंत करुँगी हर अन्याय की