आँखे
आँखे
आंखे आईना होती है
चेहरा रखो कितना भी कोरा
छिपाने की कोशिशें ना करना
झलक आंखों में दिखती है |
शब्दों में ही कहना हर बात
ये भी तो जरुरी नहीं
आंखें कह देती है बातें
जो जुबां नहीं कह सकती है |
दुखों की हो बरसात या
सुख की हो रिमझिम
दोनों बरसातों में तो
आंखें भर ही आती है |
आंसुओं भरी आंखें
दिल को पिघला देती हैं
इन आंसू को पोंछ कर देखो
रुठे दिल फिर मुस्कुराते हैं | |