कहने भी दो
कहने भी दो
समझने की तो
बत करते नहीं
और हसीं को
माजक समझते हो
कहने नहीं देते
और समझने
की बात करते हो
कभी हमे भी
कहने दो
तो समझाये
राज दिल का
आप को बतलायें
समझने की तो
बत करते नहीं
और हसीं को
माजक समझते हो
कहने नहीं देते
और समझने
की बात करते हो
कभी हमे भी
कहने दो
तो समझाये
राज दिल का
आप को बतलायें