Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

प्यारा हिन्दुस्तान

प्यारा हिन्दुस्तान

1 min
414


न राग लिखूँ, न प्रेम लिखूँ,

न मैं वियोग के गान लिखूँ..

लिख सकूँ अगर मैं कुछ थोड़ा,

तो प्यारा *हिन्दुस्तान* लिखूँ ||


जिस तरह वेद सब गाते हैं,

गीता कुरान तुलसी वाणी,

माथे का नूर बनी मीरा,

ज्यों बुद्ध सूर सन्मति-वाणी ||

आडम्बर को फेंक कबीरा,

भूषण विलास रसखान लिखूँ ||

लिख सकूँ ........


जिसका रक्षक है हिमपर्वत,

गोदी में गंगा बहती है।

जन-गण के हृदयाँगन में,

पावनता पूरी रहती है ||

जो द्रोह कपट से रहे दूर,

निश्छल मन का सम्मान लिखूँ..

लिख सकूँ.....


जिसकी पुण्यकथा पढ़ -सुन

बालक जवान होते हँसकर,

ले बरछी ढाल कृपाण असि,

हुँकार भरे पौरुष भरकर ||

जो शीष कटा रक्षा करते हैं,

उनका बस यशगान लिखूँ..

लिख सकूँ......


तन-मन से जो बड़ी सरल

या प्रेम लता - सी लगती हैं

आ जाये समय तो वो ज्वाला

शत्रु पर भारी पढ़ती हैं।

हैं जहाँ बेटियाँ सरल-कठिन,

हम सबका हैं अभिमान लिखूँ..

लिख सकूँ......


है नहीं भेद की कुटिल चाल,

सब आपस में मिलकर रहते,

जीवन विकास के हर पथ पर,

सब साथी बनकर ही चलते,

आफत कांपे डर से उनके,

रे!'ओजस्वी' गुणगान लिखूँ...

लिख सकूँ। ....


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Children