जीतने की आदत
जीतने की आदत
हमेशा जीतने की थी आदत हमारी
पर तेरी दोस्ती में हम सब हार गए,
खुश रहो जहाँ भी रहो तुम पर
भूले से भी ना जिक्र कभी हमारा करना।
याद करके हमको क्या फायदा होगा तुमको,
हमारी औकात तो नहीं ऐसी
जो तुमारे आस पास रह सके,
मिल ही जाएगा कोई ऐसा तुमको,
जो तुमारी हैसियत के बराबर होगा...
रिश्ते दिलों के तोड़ दिए हमने
तेरी खुशियों की खातिर,
अब न तू भटक आवारा उन गलियों
उन महफिली जहाँ हम कभी
एक दूजे से मिला करते थे,
अब ना हम कभी मिल पाएंगे
हमारे रास्ते जुदा हो गए हैं.....।।