Chetan Sanmotra
Drama
कहा करते थे वो
कि तुम्हारे बिना
जी नहीं पाएंगे
और अब दौर ये है
कि देखके नज़रें
झुका लिया करते हैं...!
दिल से निकले ...
मित्र की आन, बान, शान के लिए जान क़ुर्बान करता। मित्र की आन, बान, शान के लिए जान क़ुर्बान करता।
दर्द का हर आलम छुपा लेते हैं, ग़म तो हैं लाख पर मुस्करा लेते हैं, दर्द का हर आलम छुपा लेते हैं, ग़म तो हैं लाख पर मुस्करा लेते हैं,
हर जन्म मेरे मन में, तेरी हसरत के निशाँ होंगे। सौ बार जन्म लेंगे….. हर जन्म मेरे मन में, तेरी हसरत के निशाँ होंगे। सौ बार जन्म लेंगे…..
मैं बहती धारा मुझे बांध नहीं कोई पाया, पूजते मुझे, अपने पाप मुझे समर्पित करते मैं बहती धारा मुझे बांध नहीं कोई पाया, पूजते मुझे, अपने पाप मुझे समर्पित करते
मार दूंगा या मर जाऊंगा लेकिन, जग एक को मरा आज देखेगा।। मार दूंगा या मर जाऊंगा लेकिन, जग एक को मरा आज देखेगा।।
सील बट्टे पर रोज़ पीसे रोज़ ही रगड़ा हो। सील बट्टे पर रोज़ पीसे रोज़ ही रगड़ा हो।
उसको सुख समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त होता है। उसको सुख समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त होता है।
ले हरि नाम, इससे पत्थर भी तर गया व्यक्ति का कर्म यहां आया ओर गया। ले हरि नाम, इससे पत्थर भी तर गया व्यक्ति का कर्म यहां आया ओर गया।
आपका ना कोई मोल है पापा,,, आप बड़े अनमोल है पापा।। आपका ना कोई मोल है पापा,,, आप बड़े अनमोल है पापा।।
यहां ना जाने कितने रंग हैं जीवन के हर रंग में पानी कम है यहां ना जाने कितने रंग हैं जीवन के हर रंग में पानी कम है
तिनके मेरे घोसलें के, जमीं पर बिखरे जाते हैं।। तिनके मेरे घोसलें के, जमीं पर बिखरे जाते हैं।।
मेरे प्यार को ढोंग तुमने कहा, बेवफाई तुम्हारी तलबगारी रही। मेरे प्यार को ढोंग तुमने कहा, बेवफाई तुम्हारी तलबगारी रही।
क़ामयाबी का नया सूरज उगाना है तुझे, उलझनों को छोड़ दे, बातें पुरानी भूल जा। क़ामयाबी का नया सूरज उगाना है तुझे, उलझनों को छोड़ दे, बातें पुरानी भूल जा।
भारत का सिर-झण्डा विश्व में, गर्व से ऊंचा उठाया है।। भारत का सिर-झण्डा विश्व में, गर्व से ऊंचा उठाया है।।
मैं कब तक संभालूँ तुमको यूँ ही अकेले साथी मेरे..? मैं कब तक संभालूँ तुमको यूँ ही अकेले साथी मेरे..?
चित्तौड़ भूमि के हर एक कण से, हमनें सुनी कहानी थी। चित्तौड़ भूमि के हर एक कण से, हमनें सुनी कहानी थी।
वो गुजारती हर एक रात है उसका आना एक एहसास है। वो गुजारती हर एक रात है उसका आना एक एहसास है।
हो जय घोष हरदम हमारा, वंदे मातरम-वंदे मातरम।। हो जय घोष हरदम हमारा, वंदे मातरम-वंदे मातरम।।
बेज़ुबान कठपुतलियाँ, बोलती बहुत हैं। बेज़ुबान कठपुतलियाँ, बोलती बहुत हैं।
गर छोड़ दे,फिझुल का पुरूष होने का दंभ मातृशक्ति की कद्र कर,बने हम सच मे नर। गर छोड़ दे,फिझुल का पुरूष होने का दंभ मातृशक्ति की कद्र कर,बने हम सच मे नर।