Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

कौन कहता है- लोकतंत्र खतरे में है

कौन कहता है- लोकतंत्र खतरे में है

2 mins
606



माना की माहौल खराब हैं ..

सब कुछ सही नहीं हो रहा है !

किसान खुदखुशी कर रहा है

युवक बिलकुल बेरोजगार है !

कौन कहता है... लोकतंत्र खतरे में है ?


महंगाई सर चढ़ के बोल रही है

नोटबंदी,जीएसटी से व्यापार नष्ट हो रहे हैं !

कालेधंन का तो पता नहीं मगर

बँक को चुना लगाकर लोग परदेश भाग रहे हैं !

कौन कहता है... लोकतंत्र खतरे में है ?


खुलेआम जात धर्म के नाम पर वोट मांग रहे हैं...

डराना-धमकाना चाटुकार बनाना शुरू हो गया हैं !

गवर्नर रिजाइन दे रहे और जस्टिज लोकतंत्र को धोखा बताते हैं

फिर हम सब देशभक्त बिलकुल चुप खामोश हैं !

कौन कहता है... लोकतंत्र खतरे में है ?


आदर्श आचार संहिता का उल्लंघना हो रहा है ...

वोट मांगते समय कोई श्राप देने कि धमकी दे रहा है !

तो कोई चुनके बाद काम न करने बदला बोल रहा है

यह क्या हो रहा सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में दोस्तो ?

कौन कहता है... लोकतंत्र खतरे में है ?


गटबदलू नेता, भ्रष्ट नौकरशाह, हक से अंजान मतदाता

क्या तूफान के पहले का अहसास है कि श्मशान शांत सा है !

क्या अब सचमुच तानाशाही उभर रही है ? दोस्तो !

 इतिहास गवाह हैं सत्य परेशान है, पराजित नहीं हो सकता !

 कौन कहता है... लोकतंत्र खतरे में हैंं ?


जब तक हर क्षेत्र में सच्चे देशभक्त है ...

मातृभूमि पर मर मिटनेवाले राष्ट्रभक्त रहेगा !

तब तक किसी के बाप कि हिम्मत नहीं होगी ....

तानाशाही लाने की .. लोकतंत्र को खत्म करने की ! 

कौन कहता है.... लोकतंत्र खतरे में है ?


जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक हमारा लोकतंत्र रहेगा

दुश्मन कोई भी क्यूँ ना हो नेस्तनाबूत होके रहेगा !

हिंदू-मुस्लिम, सिख-ईसाई मिलजुल के रहेंगे भाई-भाई

आखरी सास तक लड़ते रहेंगे, कहते रहेंगे झंडा उंचा रहे हमारा !

 कौन कहता है... लोकतंत्र खतरे में है ?


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy