Braj Mohan Sharma
Drama Romance Tragedy
ना कोई गलती उसने की
ना कोई गलती मैंने की
समझ नही आता कि
इस नफ़रत की
इस नाराज़गी की
आखिर वजह क्या है...?
परिवर्तन
भ्रष्टाचार मि...
वक़्त
बातें इश्क़ म...
बेरोजगार युवा
सोचा न था !
मुसाफिर
सहिष्णुता
डर
वजह
सच नगमा है किसी पीर का और झूठ एक पीड पुराने ज़ख्म की है। सच नगमा है किसी पीर का और झूठ एक पीड पुराने ज़ख्म की है।
रौशन बताओ ज़िन्दगी में कोई आराम क्यों नहीं। रौशन बताओ ज़िन्दगी में कोई आराम क्यों नहीं।
मैं क्या लिखता कोरे पन्ने पे, वो तो मुझे अपना मानती थी ! मैं क्या लिखता कोरे पन्ने पे, वो तो मुझे अपना मानती थी !
इसी फ़िक्र में जीवन निकलेगा वो संघर्ष का दिन हर रोज़ देती है। इसी फ़िक्र में जीवन निकलेगा वो संघर्ष का दिन हर रोज़ देती है।
मुझे इस आग में डुबने कौन बचाए बताओ क्या किया जाए बताओ क्या किया जाए...... मुझे इस आग में डुबने कौन बचाए बताओ क्या किया जाए बताओ क्या किया जाए......
फिर भी " कुछ भी तो नही में तुम्हारा " कहकर यूँ तुम्हारा मुझे सताना फिर भी " कुछ भी तो नही में तुम्हारा " कहकर यूँ तुम्हारा मुझे सताना
छोड़ो सब ऊपर वाले पर शायद अब अपने हाथ कुछ नहीं ! छोड़ो सब ऊपर वाले पर शायद अब अपने हाथ कुछ नहीं !
देखो आ गई यारों की टोली ओ हमजोली सजन ना आयो रे। देखो आ गई यारों की टोली ओ हमजोली सजन ना आयो रे।
बद्तमीज हम बन गए चाहना जैसे गुनहगार हुआ ! बद्तमीज हम बन गए चाहना जैसे गुनहगार हुआ !
शायद वो भूल गए हैं कब्र के आर पार, आवाज़ें सुनाई नहीं पड़ती। शायद वो भूल गए हैं कब्र के आर पार, आवाज़ें सुनाई नहीं पड़ती।
मैं हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़ा असमंजस में हूँ पड़ा, मैं दोराहे पर हूँ खड़ा, कब तक रहूँ मै मैं हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़ा असमंजस में हूँ पड़ा, मैं दोराहे पर हूँ खड़ा, ...
बेरंगों में, एक रंग इंसानियत का भी उसने लगाया ! बेरंगों में, एक रंग इंसानियत का भी उसने लगाया !
एक उम्र और मिले जिसे जी भर कर है जीना, अपने हिस्से का आसमान अब हमे है छूना। एक उम्र और मिले जिसे जी भर कर है जीना, अपने हिस्से का आसमान अब हमे है छूना।
जो घुट गई थी लिफाफों की सील में, अब सार्थक भी हो उनकी हर दुआ। जो घुट गई थी लिफाफों की सील में, अब सार्थक भी हो उनकी हर दुआ।
कभी तो टकराएँगे ये सोच...हम उनका इंतज़ार कर रहे थे। कभी तो टकराएँगे ये सोच...हम उनका इंतज़ार कर रहे थे।
फिर भी इस जग में प्रेरणा के श्रोत अभी जिंदा है। फिर भी इस जग में प्रेरणा के श्रोत अभी जिंदा है।
यूं काश किसी से इन राहों में ऐसे ही मुलाकात हो। यूं काश किसी से इन राहों में ऐसे ही मुलाकात हो।
वो भूल की माफी सा हो, तपती दोपहरी में चंदन सी ठंडक सा हो, वो भूल की माफी सा हो, तपती दोपहरी में चंदन सी ठंडक सा हो,
पतले घुँघराले इसका भी कोई पैमाना हो तो नजर आना जरूरी है पतले घुँघराले इसका भी कोई पैमाना हो तो नजर आना जरूरी है
मेरा आंगन मुझसे कुछ कह रहा है, पुरानी यादों की सरसराहट से वो गूंज रहा है। मेरा आंगन मुझसे कुछ कह रहा है, पुरानी यादों की सरसराहट से वो गूंज रहा है।