जरूरी बस मोहब्बत है
जरूरी बस मोहब्बत है
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तनहा बैठा था,
यम के दूत आ गए,
मेरी आत्मा को ऐसे ही ले गए।
दुनिया से बात बहुत करनी थी,
देह अभी नहीं मरनी थी।।
अच्छे लोगों की आत्मा की
वहाँ भी जरूरत है,
आनी-जानी दुनिया में
जरूरी बस मोहब्बत है।।
स्वर्ग-नरक कैसे हैं,
जानने की नहीं अब मोहलत है,
यह इस बात पर निर्भर है,
कैसी आप की सोहबत है।।