वह
वह
लौट आया देखो
सुबह का भुला वह
माफ उसे कर दो
उम्मीद से देखता वह
होती कुछ बात
समझ ना पाता वह
दिल ही दिल में
खुद को कोसता वह
अपने दिल की बात
ना किसी से कर पाता वह
हँसते हँसते देखो
गम अपने छुपाता वह
बड़े दिल वाला
देखो होता है वह
समझदार बनकर
सीख सिखा देता वह।