अभी था...
अभी था...
जब तू नहीं था कुछ भी नहीं था,
तू जब मिला तो मैं ही नहीं था !
एक सदमे का बस इंतज़ार रहा,
मिल जायेगा तू सोचा नहीं था !
तू मिला पर एक छलावे जैसा,
अभी था... और अभी नहीं था !
और कब तक मैं इंतज़ार करता,
सब्र था... मगर इतना नहीं था !
तेरी आमद से पहले दम निकला,
साँसों को मैंने रोका नहीं था !!