ख़्वाब
ख़्वाब
तुम्हारा ख्वाब होगा कोई बड़ी सी कार लाने का
गरीब का ख़्वाब है बस यार दो रोटी कमाने का
अब हालात बद से बदतर हुए जा रहे हैं मेरे
मौका अच्छा है ये दोस्तों को आजमाने का
रात को घर में घुसा चोर खाली हाथ चला गया
घर में सामान ही नहीं था यारों कोई चुराने का
उसे पता है कि वो निकाल ही देगा पर फिर भी
बाप का ख़्वाब है बेटे के लिये घर बनाने का
वो शख्स सभी को खुश ही लगता है क्योंकि
उसे आता है हुनर दर्द में भी मुस्कुराने का
वो मासूम सा चेहरा वो झुकी-झुकी सी पलकें
मेरा अरमान है उस शख्स को दिल में बसाने का
इश्क़ था उसे, यार के लिए ही दुआ करता था
मर्ज है आज भी उसको नींदो में बड़बड़ाने का