प्यार
प्यार
तारे आसमान में ही चमकते,
बादल इतने दूर है,
फिर भी बरसते हैं।
हम कितने बेचैन हैं,
शायद इसी को प्यार कहते हो,
हम भी कितने अजीब है,
तुम दिल में रहते हो,
और हम तुम से
मिलने को तरस्ते हैं l
तारे आसमान में ही चमकते,
बादल इतने दूर है,
फिर भी बरसते हैं।
हम कितने बेचैन हैं,
शायद इसी को प्यार कहते हो,
हम भी कितने अजीब है,
तुम दिल में रहते हो,
और हम तुम से
मिलने को तरस्ते हैं l