हमारे बीच दूरी
हमारे बीच दूरी
हम अब पहले जैसे नाजुक ना रहे,
स्वभाव ने बनाया हमें बहुत ही सख्त हैं।
पहले हमेशा हाजिर होते थे उनके लिए,
पर आजकल हम भी बहुत ही व्यस्त हैं।
उनके पास अब तक कभी वक्त नहीं था,
थोड़े से पल हमारे साथ बिताने के लिए।
मूवी की टिकट हम अक्सर खरीदते थे,
लेकिन कभी तैयार ना हुएं जाने के लिए।
शादी के बाद तक हमनें खाने के लिए,
रात रात भर अकेले इंतजार किया हैं।
खाना वो बाहर ही खाकर आते थे,
पर जब भी पूछा मैंने तब इंकार किया हैं।
तलाक लेना भी कोई हल नहीं है,
अब सबक सिखाने का वक्त आया है।
पता है हमें वह बातों से नहीं समझेंगे,
इसलिए हमने उन्हें जज्बातों से समझाया है।
अब तो वह मेरी बात तक सुनते नहीं,
बस हां हां कह कर यूँ ही टाल देते हैं।
सब पता है कि वह एक कान से सुनते हैं,
और दूसरे ही कान से निकाल देते हैं।
बताना है उन्हें की जिंदगी कोई खेल नहीं,
अब बिन तुम्हारे जिंदगी मेरी अधूरी है।
कहने को तो रिवाजों में आज भी साथ है,
फिर भी क्यों मुझे महसूस होती दूरी है ?