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Aditi Bhati

Drama

0.4  

Aditi Bhati

Drama

एक सपने के पीछे भाग रही हूँ मै

एक सपने के पीछे भाग रही हूँ मै

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एक सपने के पीछे भाग रही हूँ मैं,

ना जाने यह सच होगा या नहीं,

फिर भी उम्मीद का मन में,

दीप जलाये चली जा रही हूँ मैं,

एक सपने के पीछे भाग रही हूँ मैं।


मेरा यह सपना सिर्फ सपना नहीं,

मेरी ख्वाहिश है यह है मेरी तम्मना,

या तो बनेगा मेरे जीवन का सच,

या रहेगी सिर्फ एक कल्पना।


इस सपने को न जाने कितने दिनों से,

इन आँखों मे पाल रही हूँ मैं,

एक सपने के पीछे भाग रही हूँ मैं।


अँधेरी रात देखी है मैंने,

तो उजले सवेरे को भी देखा है,

जलते दीये से फैली रौशनी देखी है,

तो उसके तले छिपे अँधेरे को भी देखा है।


उसी रौशनी की एक किरण के लिए,

अंधेरो में भी जाग रही हूँ मैं,

एक सपने के पीछे भाग रही हूँ मैं।


सपना क्या है,

जो चाहूँ उसे पल में ही पा लेना,

सारी दुनिया को इन हथेलियों में भर लेना।


यकीन है मुझे,

अपनी लगन से इसे ज़रूर सच कर दिखाऊँगी,

पर डर है,

कि इस मतलबी दुनिया में ना खो जाऊँ कहीं।


इन लोगों का शिकार न हो जाऊँ कहीं,

इन जैसी ही ना बन जाऊँ कहीं,

एक सपने के पीछे खो न जाऊँ मैं कहीं।


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