इस ज़माने से
इस ज़माने से
अल्लाह बचाये इस ज़माने से,
अब तो डर लगता है मुस्कुराने से।
सर दुखने लगा है, बहाना बनाने से,
अल्लाह बचाये इस ज़माने से।
शर्म आती है उसको बताने से,
दिल दुखता है दिल मे,
छिपाने से क्या मिलता है,
उन्हें हमें सताने से,
अल्लाह बचाये इस जमाने से।
उनकी तलब दिल से जाती नहीं,
जहां देखु नज़र आ जाते है वही,
मिटती नही उनकी याद लाख मिटाने से,
अल्लाह बचाये इस ज़माने से।
वे साथ हो तो हम बेखौफ रहते है,
उनके लिए हर दर्द सहते है,
अब तो डर लगता है,
उनके नज़राने से,
अल्लाह बचाये इस ज़माने से।