इश्क़
इश्क़
कहती है कुछ
ये तेरी अाँखे
तेरी भोली सी
ये बाते
तेरा खुलकर के
हँसना
ओ तेरा मुस्कराना
तेरे बालो का
यूं उडकर तेरे
चेहरो पे आना
घर कर रहा है तेरा
नज़रे मिलाकर
नज़रे चुराना
क्या खूब है ये तेरा
खूबसूरत दीदार
नज़रे ठहर जाती है
जो देखे तुझे इक बार