कैसे होगा बचाव
कैसे होगा बचाव
बहुत ही भयानक है करोना कीटाणु,
कण कण में समां गया है यह रोगाणु,
सबको बेहाल कर दिया है ये जीवाणु,
इसके सामने व्यर्थ है कोई भी परमाणु
सभी लोगों में बढ़ गया है तनाव,
थके वैद्यों पर बढ़ गया है दबाव,
घर में हो गया है सभी का घेराव,
दुष्कर है संसाधनों का रख रखाव
तेज़ी से फैलता जा रहा है ये बीमारी,
लाइलाज है यह संक्रामक महामारी,
ला चुका है सशक्त देशों में लाचारी,
सभी जगह दिखे मजबूरी बेरोज़गारी
नहीं हो पा रहा है इसका ठहराव,
समग्र विश्व में बढ़ चुका है प्रभाव,
हर मनुष्य में ले रहा है जो पड़ाव,
इस महामारी से कैसे होगा बचाव