तजुर्बे
तजुर्बे
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ऐ जिंदगी तुने बहुत तजुर्बे है दिये।
जिंदगी से लड़ने के हौसले है दिये।
सबक भी तूने सिखाया है।
और इम्तहान भी काफी लिये है।
हमे नही पता
हम पास हुये या फेल
बस हमने तो तुझे
हर वक्त पढ़ा है।
जो भी पढ़ा है
हरबार कुछ गांठ बांधी ऑंचल से
हर पन्ने पर नयी कहानी लिखी है।
अंत की परवाह अब छोड़ दी है।
यै जींदगी अब ना कोई करना बहाना
क्योकी अब हमने जीना सिख लिया है।
तेरे साथ भी तेरे बगैर भी।