कभी तो ख़्वाब ऐसा आये
कभी तो ख़्वाब ऐसा आये
कभी तो ख़्वाब ऐसा आये
दुनिया पर राज हो औरतों का
ना पड़े उनको डर डर जीना
कभी तो ख़्वाब ऐसा आये,
रात को निकले घर से
बिना खौफ़ के
कोई दानव नहीं होगा,
उसके पीछे
जो पड़ा हो, उसकी
अस्मत के पीछे
कभी तो ख़्वाब ऐसा आये,
बदले लड़के लड़की
अपने किरदार
लड़कों को भी
पीरियड आये, समझे
वो भी लड़कियों के
उन पांच दिनो के दर्द को
लड़के भी दे बच्चों को जन्म,
समझे वो भी माँ के दर्द को
जब उससे उसकी नन्ही जान
को छिन लेता संसार
उसकी कोख से
समझे वो भी उस दर्द को...
जब लड़की होने पर
कर देता उसका त्याग
ख़्वाब तो ख़्वाब हैं...
देखने पर ना
किसी की पाबन्दी
ख़्वाब तो होते ही हैं,
देखने के लिए
होगें कभी तो पूरे,
ये आशा करना क्या गलत है।
कभी तो ख़्वाब ऐसा आये....