दर्द में भी ख़ुशी है
दर्द में भी ख़ुशी है
जिसने दर्द दिया है,
वो ही मेरी दवा भी है,
दवा के बिना जो हालत होती है,
वो हालत हे मेरी।
अगर वो दर्द से भी कर ले मोहब्बत,
फिर दवा का भी इंतजार ना होगा मेरे दोस्तों,
दर्देदिल भी कभी दवा बन सकती है,
ये सोच नहीं थी मेरी।
अब ये मालूम पड़ा की,
दर्द में भी दवा छुपी है,
बस अपना नज़रिया बदलने की ज़रूरत है,
दर्द में भी ख़ुशी है,
जिसने ढूँढ लिया,
बस उसे जीना आ गया।
यहाँ-वहाँ ख़ुशी ढूँढ़ने की कोशिश ख़तम करो,
अपने अंदर ही एक बार झांक लो तो,
ख़ुशी का समंदर ही तुममें समाया है,
बस तुम्हें अपनेआप को पहचानने की ज़रूरत है।