संगीत
संगीत
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संगीत बजता रहा, जीवन की हर लय पर,
वक़्त की लय पर जीवन थिरकता रहे ।
सूरज की पहली किरण संतूर सी जागी,
पत्तों की सरसराहट गुनगुनाती रही ।
हवा का रूख बाँसुरी सँवारता रह।
बूँदों की थाप तबला टटोलती रही ।
झरने के जलतरंग संग जीवन बहता रहा ।
पंछियों का कलरव साजिंदों सा साथ रहा ।
रात दिन संग जुगलबंदी चलती रही,
मन मलिन सी काया भी सुनहरी हो चली ।
साज बजतें रहें, संगीत महकता रहे,
नवांकुरोंं संग जीवन निखरता रहे ।