रेशमी ख़्वाब और तुम
रेशमी ख़्वाब और तुम
चाहता था मैं खुद सजाऊं
एक रात ऐसी बनाऊं।
तारे जिसमें लाल हों
सुनहरा हो चांद
गुलाबी बादल
और उसमें
महकती
तुम।
और मैं
उस रात में
खो जाऊं यूँ
ख्वाबों में तुम
गुलाबी लिबास में
सुनहरी चूड़ियाँ, कंगन
लाल बिंदी और लाली लब
और तुम्हें दुल्हन सा सजाऊँ।