"मेरी जिन्दगी"
"मेरी जिन्दगी"
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ए शाम यूँ इस तरह ना देखा कर मेरी तरफ़ -----
वक़्त का बहुत सा दर्द बहुत सा ग़म है मेरी तरफ़ ------
कुछ भी नहीं है मेरी ज़िन्दगी में सिवा उनके ------
एक जान है मेरी जो इशारा करती है मेरे दिल की तरफ़-----
मैं ज़िन्दगी जीना भी नहीं चाहता पर एक आस है दिल में दफ़न ----
बस वही आस जीने का इशारा करती रहती है मेरी ज़िन्दगी की तरफ़ ------।
------ रमन