व्हाट्सप और सेल्फी
व्हाट्सप और सेल्फी
ये व्हाट्सप और सेल्फी की दुनिया है ,
जो दिखाती ज्यादा महसूस कम करती है।
हर मोमेंट को एलबम में उतारती है
पर दिल के कोने खाली रखती है।
यूज़ एन्ड थ्रो में बिलीव करती है
इसीलिए अपनेपन से बेगानी रहती है।
रिश्तों को नहीं स्वयं को सँवारती है।
नहले पे दहला करने पर इतराती है।
सिरत नहीं सूरत बदलती है।
रूठने मनाने में नहीं
ब्रेक अप में बिलीव करती है।
रिश्तों में नहीं कपड़ों में चमक दिखाती है।
टच में बिज़ी रहकर
टच में किसी के भी नहीं रहती
जहाँ होते थे आशियाने परिंदों के घर के पास-पास।
अब जालियों से दुरियाँ बढ़ाती है।
तन्हाई से परिचित है और सुकून को खोजती है।
पल-पल अपनेपन की परिभाषा बदलती है।।