दुआ लाचार गई
दुआ लाचार गई
1 min
552
मर्ज़-ए-हिज्र से होकर दुआ लाचार गई,
हकीम की दवा भी बेअसर बेकार गई।
सजा है मुकर्रर जाती हुई हवा के लिये,
उन तक मेरी जो खबर सरहद पार गई।
हर रात चरागों को बुझा देता हूं सोच के,
अंधों के आगे सच की रोशनी बेकार गई।
चाह तो है सिंध हिन्द से, हम से आप मिले,
पर उनकी हाँ ना में कितनी ही सरकार गई।