इश्क
इश्क
बन्द कर दे
ए साकी ये महखाने
भला शराब में भी
कोई मज़ा है !
हो सके तो कर ले
इक अदद मोहब्बत तू भी
क्यूँकि यार के इश्क में ही
असली नशा है...!
बन्द कर दे
ए साकी ये महखाने
भला शराब में भी
कोई मज़ा है !
हो सके तो कर ले
इक अदद मोहब्बत तू भी
क्यूँकि यार के इश्क में ही
असली नशा है...!