हैप्पी फादर्स डे
हैप्पी फादर्स डे
हैप्पी फादर्स डे पर..!!
पिताजी को जीवन समर्पित कर,
एक नालायक बेटे का तोहफ़ा..!!
पिताजी के तज़ुर्बे बहुत थे,
शायद इसलिए घर से निकाल दिया था।
अगर उस दिन थप्पड़ ना पड़ता,
तो आज इस मुकाम पे कैसे पहुँच पाते।
जवान थे गुस्से में चल दिये कोसो दूर,
काश पलट कर देख लेते वो छिपे आँसू,
तो शायद आज ख़ुदके आँसू नहीं छिपाने पढ़ते।
जब चले दुनिया में अकेले अहसास हुआ,
पिताजी की दुआओं की छतों का,
माँ की प्यार की छाओ का,
संघर्ष में डूबे माँ पिताजी के जीवन का,
और खुदकी नाकामियों का,
कर तो लिया था कुछ बनने का वादा ख़ुदसे।
सोचा था ला कर रख देंगे खुशियाँ,
पिताजी की हथेली पर।
नालायक से लायक बनने के सफ़र में एक
पिताजी ही तो थे जिन्होंने मज़बूत बनना सिखाया था।
किसे पता था जब तमाम तजुर्बो के साथ घर लौटेंगे,
पिताजी तो तस्वीर में मुस्कुराते हुए स्वागत करेंगे।
हर दिन जिसकी सीख ने आगे बढ़ने का साहस दिया,
पिताजी के तमाम दिए हुए हौसलो के बाद भी,
आज उन्ही पिताजी के जाने से हम फिर टूट गए।
माँ को जब आज उनका बेटा मिला था,
और एक बेटे ने वही आज पिताजी का साया खो दिया।
आँखे नम कर उड़ा दी वही पिताजी की शॉल
उनकी तज़ुर्बे भरी तस्वीर को,
हल्का सा छूते हुए उनकी तस्वीर को,
और रोते दिल के साथ कह दिया पिताजी को-
"हैप्पी फादर्स डे पिताजी"।
आपका बेटा आ गया आपकी खाली जगह संभालने।
ख़ुदसे कहते हुए माँ को गले लगा लिया।।
© कविता शर्मा