Rajit ram Ranjan
Drama
कुछ अलग अपनी तरह
महसूस होता है
पता नही क्यों !
कैसे यकीन हो
यह सच है
या झूठ ?
हर पल यही
सोचता है
दिल...!
रूठकर उनका चल...
करनी पड़ी सगा...
एक हवेली थी,द...
दिसंबर का वो ...
लड़कियां बेवफ...
ये बारिश की ब...
कहना तो बहुत ...
मैंने भी मोहब...
दिलों का आलम
देश के काम ना आए वो धरती पर है बोझा। देश के काम ना आए वो धरती पर है बोझा।
औरत सृष्टि का मूल है, सृष्टि उचित दृष्टिकोण से ही संवारी जाती है। औरत सृष्टि का मूल है, सृष्टि उचित दृष्टिकोण से ही संवारी जाती है।
हम के वो पत्ते नहीं जो आसानी से झड़ जाएंगे। हम के वो पत्ते नहीं जो आसानी से झड़ जाएंगे।
उदासी में लूं मैं इनका सहारा, इनसे है भरा मेरी खुशी का पिटारा ! उदासी में लूं मैं इनका सहारा, इनसे है भरा मेरी खुशी का पिटारा !
अपेक्षा सभी ह्रदय-पीड़ा की जड़ है---विलियम शेक्सपीयर अपेक्षा सभी ह्रदय-पीड़ा की जड़ है---विलियम शेक्सपीयर
भेद रहित जीवन हम क्यों न बिताएं ? जब सबका अंतिम सत्य है एक समान। भेद रहित जीवन हम क्यों न बिताएं ? जब सबका अंतिम सत्य है एक समान।
तेरे हर ज़ख्म पर महफ़िल में अब हम भी, तेरी तरह वाह-वाह पाए तेरे हर ज़ख्म पर महफ़िल में अब हम भी, तेरी तरह वाह-वाह पाए
तपन हृदय की मिट जाएगी, जब प्रभु चरणों में जाना हो। तपन हृदय की मिट जाएगी, जब प्रभु चरणों में जाना हो।
मजबूर है मजदूरी से ही जीवन अपना बिताते है। मजबूर है मजदूरी से ही जीवन अपना बिताते है।
मैं देखूँ गा आगे बढते हुए। और देखना साहस भरते हुए। मैं देखूँ गा आगे बढते हुए। और देखना साहस भरते हुए।
ये सब कर्मों का नतीजा है वरना ऐसे ही कोई सिकंदर नहीं बनते। ये सब कर्मों का नतीजा है वरना ऐसे ही कोई सिकंदर नहीं बनते।
सोच रहा है जग सारा, कोविध मारें कोविद को। सोच रहा है जग सारा, कोविध मारें कोविद को।
नमन है उन चरणों में ए मां जिसकी धूल मात्र ना बन पाई। नमन है उन चरणों में ए मां जिसकी धूल मात्र ना बन पाई।
बस, मुश्किलों के इस तूफान से, आने वाला कल चुराना है हमें। बस, मुश्किलों के इस तूफान से, आने वाला कल चुराना है हमें।
जाने से पहले तुम करोड़ों दिलों में अपनी जगह बना गए। जाने से पहले तुम करोड़ों दिलों में अपनी जगह बना गए।
इससे मनुष्य की शारीरिक तथा मानसिक पतन होता है। इससे मनुष्य की शारीरिक तथा मानसिक पतन होता है।
अब तो अपने घुटने टेक दोना, अब तो तुम जाओ कोरोना। अब तो अपने घुटने टेक दोना, अब तो तुम जाओ कोरोना।
पास बुला कर दूर न करना, अब तुम ही मेरे गीत हो गए। पास बुला कर दूर न करना, अब तुम ही मेरे गीत हो गए।
काल कोरोना का अब मरण मैं करूं, तुम्हारी तरह बनूँ प्रकृति तुम्हारी शरण मे रहूँ। काल कोरोना का अब मरण मैं करूं, तुम्हारी तरह बनूँ प्रकृति तुम्हारी शरण मे रहूँ...
जितना तुमसे तब था उतना ही है प्यार प्रिये। जितना तुमसे तब था उतना ही है प्यार प्रिये।