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Anushree Goswami

Drama Fantasy

4.3  

Anushree Goswami

Drama Fantasy

मन चाहता है

मन चाहता है

1 min
13K


ख़ामोशी की आगोश में सो जाने को मन चाहता है,

सपनों की दुनिया में खो जाने को मन चाहता है,

फिर सोचती हूँ क्यों कभी-कभी,

तन्हाई की लहरों से लड़ जाने को मन चाहता है।


सुबह की धूप में गुनगुनाने को मन चाहता है,

शाम के सूरज संग ढल जाने को मन चाहता है,

गर्मियों की धूप से बचने के लिए,

बर्फीली पहाड़ियों पर बस जाने को मन चाहता है।


माँ के आँचल में छिप जाने को मन चाहता है,

दोस्तों के संग खिलखिलाने को मन चाहता है,

अपनों से नाराज़ हैं लेकिन,

दुःख-सुख में साथ निभाने को मन चाहता है।


आज़ाद पंछी संग उड़ जाने को मन चाहता है,

नदियों की धारा में बह जाने को मन चाहता है,

अँधेरी राहों की खुरदुरी सड़कों पर,

दिन के उजाले सा जल जाने को मन चाहता है।







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