और बरसात हो गई..
और बरसात हो गई..
आँखों पर लिखते लिखते रात हो गई
हम सोचते रह गए तनहा और बरसात हो गई।
भीग गए ख़्वाब मेरे क्या बात हो गई
छिपकर पलकों में चले और बरसात हो गई।
हर बूँद ने आवाज़ लगाई क्या बात हो गई
संग ही उतरेंगे गालों से और बरसात हो गई।
मिल जायेंगे सभी हम मिटटी में ठहरो
चलो निकले कारवां में और बरसात हो गई।
एक अश्क हाथ नहीं अंतिम घड़ी साथ हो गई
कपकपाते देखा जो उसको और बरसात हो गई।